1.भैंस घास (Cenchrus Ciliaris · buffle grass = fox-tail grass):
बारहमासी फसल के रूप में लगाया जा सकता है। वर्षा आधारित खेती और चारागाहों के लिए भी उपयुक्त है। सूखा सहिष्णु, प्रति हेक्टेयर हरा चारा 40 टन/वर्ष उपज देता है।
कल्टीवर नोट्स:
1.मौसम और किस्म : उत्तर-पूर्व मानसून के दौरान बारिश के दौरान बुवाई की जा सकती है। टाइप सीओ 1
2 मिट्टी: अच्छी जल निकासी वाली दोमट और चूने वाली मिट्टी सबसे अच्छी होती है। इसकी खेती बंजर और लवणीय भूमि में भी की जा सकती है।
3.भूमि की तैयारी : 2 अच्छी तरह से जोती हुई भूमि की पहली जुताई करें
मिट्टी की प्रकृति के अनुसार क्यारियों की व्यवस्था करें
4. खाद की मात्रा : आदिउराम
(प्रति हेक्टेयर) खाद- 5 टन
खाद – 25 किग्रा
ऑवरग्लास – 40 किग्रा
अश्मसतु – 20 किग्रा
शीर्ष खाद
प्रत्येक कटाई के बाद 25 किग्रा उर्वरक देना चाहिए।
- बीजदर : 6-8 किग्रा/हेक्टेयर
- रिक्ति: 50 सेमीx 30 सेमी
- निराईगुड़ाई : आवश्यकतापड़नेपरनिराई-गुड़ाईकरें
8 फसल सुरक्षा : आम तौर पर आवश्यक नहीं है
- कटाई : बुवाईयाचराईके 70-75 दिनोंकेबाद
बाद की कटाई 65 दिनों के अंतराल पर की जा सकती है।
- हरेचारेकीउपज : 40 टन/हेक्टेयर/वर्ष (4-6 कटाई)
2. ध्वनि:
कल्टीवर नोट्स:
1.मौसम और किस्म : साल भर खेती के लिए उपयुक्त।
रागमको 1 और नया साउंडेल
2.मिट्टी: सभी प्रकार की मिट्टी में उगता है
3.भूमि की तैयारी : 2 से 3 बार जुताई करके भूमि की अच्छी तरह से जोताई करें और आवश्यकता के अनुसार क्यारियां बना लें।
उर्वरक दर: आदिउरम
(प्रति हेक्टेयर)
खाद – 25 टन
खाद – 10 किग्रा
ऑवरग्लास – 60 किग्रा
अश्मसतु- 30 किग्रा
5 बीज दर : 10 किग्रा/हे
6.रिक्ति: 1.00 मीटर x 30 सेमी
7.खरपतवार प्रबंधनः आवश्यकता पड़ने पर निराई-गुड़ाई करें
8.फसल सुरक्षा: आम तौर पर आवश्यक नहीं है
9.कटाई: पहली कटाई 120 दिनों में और बाद की कटाई 40-80 दिनों में की जा सकती है।
10 हरे चारे की उपज: 80-100 टन हरा चारा/हेक्टेयर
3.चारा मक्का:
कल्टीवर नोट्स:
1.मौसम और किस्म: वर्षा आधारित मौसम में इसकी खेती की जा सकती है
आप अफ्रीकी नीता किस्म का उपयोग कर सकते हैं
2.मिट्टी: सभी प्रकार की मिट्टी में उगता है
3.भूमि की तैयारी : दो बार जुताई कर 60 सें.मी.
4.उर्वरक दर: आदिउरम
(प्रति हेक्टेयर) खाद- 25 टन
खाद- 30 किग्रा (यूरिया-35 किग्रा)
मणिचतु – 40 किग्रा (सुपर -100 किग्रा)
राख – 20 किग्रा (पोटाश – 14 किग्रा)
ऊपर की खाद
यूरिया-30 किग्रा/हेक्टेयर (बुवाई के 30 दिन बाद)
5.बीजदर : 40-60 किग्रा/हे
6.दूरी: बार के दोनों ओर 30 सेमी x 15 सेमी बोएं
7.खरपतवारप्रबंधन : पहलीनिराईबुवाईके 25 दिनबादकरनीचाहिए
8.फसल सुरक्षा: आम तौर पर आवश्यक नहीं है
9.कटाई: कटाई तब की जा सकती है जब पौधे का 50% हिस्सा खिल चुका हो। (65-70वां दिन)
10.हरे चारे की उपज: 35-40 टन हरा चारा/हेक्टेयर
4.चारा केला:
उच्च प्रोटीन में। बुवाई के 60 से 70 दिनों में कटाई की जा सकती है। हरे चारे की उपज 30 टन प्रति हेक्टेयर तथा बीज की उपज 625 किग्रा. इंटरक्रॉपिंग के लिए उपयुक्त।
कल्टीवर विनिर्देशों
1.मौसम और किस्मः इसकी खेती बारहमासी फसल के रूप में साल भर की जा सकती है
जीन-जीन, फरवरी और मार्च सबसे उपयुक्त हैं
सितंबर-अक्टूबर वर्षा आधारित खेती के लिए उपयुक्त है
Co (FC) 8 और Co 9 प्रकार का उपयोग किया जा सकता है
2.मिट्टी: सभी प्रकार की मिट्टी में उगता है
3 भूमि की तैयारी : 2 से 3 बार जुताई करके भूमि की अच्छी तरह जुताई करें और आवश्यकता के अनुसार क्यारियां बना लें।
4.उर्वरक स्तर: आदिउरम
(प्रति हेक्टेयर) खाद- 25 टन
खाद – 25 किग्रा
ऑवरग्लास – 40 किग्रा
अश्मसतु – 20 किग्रा
5.बीज दर : 20-25 किग्रा/हेक्टेयर
6.फासला: 30 सेमी x 15 सेमी की दूरी पर सलाखों के दोनों तरफ बोना चाहिए
7.खरपतवार प्रबंधनः आवश्यकता पड़ने पर निराई-गुड़ाई करें
8.फसल सुरक्षा: आम तौर पर आवश्यक नहीं है। भृंग और पतंगे दिखाई देने पर मेथिल्डेमेथेन (मेटासिस्टॉक्स) या डाइमेथोएट (रोकार) 200 मिली, एकड़ में छिड़काव करें।
9.कटाई: कटाई तब की जा सकती है जब पौधे का 50% हिस्सा खिल चुका हो। (60-65वां दिन)
10.हरे चारे की उपज: 18-22 टन हरा चारा/हेक्टेयर
स्तंभकार।
डॉ बेउला एस्थर,
सहायक प्रोफेसर, कृषि विज्ञान विभाग,
कृष्णा कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, मदुरै।
ईमेल: beulahagri@gmail.com