दुनिया एक उदात्त जीवित क्षेत्र है
जीव जगत में शरीर का नाश,
जो अपने जीवन को जोतता है वह हल जोतता है
यदि हल जोतने वाला हल न चलाए तो संसार में अन्न नहीं रहता
भोजन के बिना दुनिया में सभी जीवित चीजें,
देह देह छोड़ती है
ऐसी दुनिया में जहां खाने के विकार पैदा होते हैं!
आओ हम हल जोतें और जीवितों को जीवन दें
दुनिया में सबसे ऊंचा हलवाहा है
आइए दुनिया को जागरूक करें।
कविताकरण: सेक। नंदकुमार,
कृषि स्नातक,
सलेम चत्तूर।
ईमेल: nandhaselvam27762@gmail.com