यहाँ जैविक किसान ‘मुसिरी’ योगनाथन का जैविक रूप से पालक उगाने के बारे में क्या कहना है।
पालक के लिए सभी प्रकार की मिट्टी उपयुक्त होती है। इसे सीजन की जरूरत नहीं है। पालक को किसी केमिकल की जरूरत नहीं होती है। यदि कोई कीट या बीमारी का हमला होता है, तो आप हर्बल कीटनाशकों का छिड़काव करके इसे नियंत्रित कर सकते हैं। फसल कटने के बाद 200 लीटर प्रति एकड़ सिंचाई के पानी में मिला देना चाहिए। यदि पंचकव्य का छिड़काव करना हो तो 300 मिली प्रति 10 लीटर पानी में मिलाना पर्याप्त होता है। इसके अलावा किसी ग्रोथ प्रमोटर या फर्टिलाइजर की जरूरत नहीं है।
आधी सब्जियां उगाने के लिए एक एकड़ जमीन में सात किलो बीज की जरूरत होती है। एक कटाई के बाद अगली फसल में 12 दिन लगते हैं। जैविक रूप से उगाई गई पालक रसीली और स्वादिष्ट होती है।