लेट्यूस एक अल्पकालिक फसल है। 22 दिनों में कटाई करें। भूमि की अच्छी तरह से जुताई करनी चाहिए और 7 टन प्रति एकड़ की दर से खाद डालना चाहिए और एक जुताई करनी चाहिए। इसके बाद 5 फुट चौड़ी और 12 फुट लंबी क्यारियां बना लेनी चाहिए।हर क्यारी पर एक प्रकार की पालक के बीजों को डंडे से चलाकर छिड़क देना चाहिए ताकि बीज मिट्टी में चले जाएं और पानी से सींचे। बुआई के 6 दिन बाद पौधे अंकुरित हो जाएंगे। उस समय खरपतवार को हाथ से निकाल देना चाहिए।
नियमित रूप से सिंचाई करते रहना चाहिए ताकि क्यारियां सूख न जाएं। बुआई के 10वें दिन 200 लीटर जीवामिर्थ प्रति एकड़ सिंचाई के पानी में मिला देना चाहिए। 15वें दिन छने हुए रस को पत्तों पर छिड़काव के रूप में देना चाहिए। प्राकृतिक विधि से सलाद पत्ता की खेती करने से रोगों का आक्रमण नहीं होता है। यदि किसी कीड़े के हमले की आशंका हो तो 500 मिली अग्नि अस्त्र को 10 लीटर पानी में मिलाकर सुबह के समय हैंड स्प्रेयर से छिड़काव करें। हरी सब्जियों को एक ही समय में पूरी भूमि में बोने के बजाय यदि आप उन्हें एक क्यारी या दो क्यारियों में अलग करके कुछ दिनों के अंतराल पर बोते हैं तो आपको लगातार उपज मिलेगी।
सब्जियों के लिए… बार ड्रेनेज के साथ 3 फीट की दूरी पर और बार के दोनों ओर पौधे रोपें। पौधों के लिए डेढ़ फीट की दूरी होनी चाहिए। अन्यथा रोपण, मिट्टी की तैयारी और रखरखाव सभी पालक के समान हैं। लगातार 15 दिनों में एक बार सिंचाई में जीवामृत देना पर्याप्त है। अग्नि अस्त्र से कीट न जुड़े हों तो ब्रह्मास्त्र का छिड़काव किया जा सकता है।