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पशुपालन खेती

दूल्हे के बीज के लिए भटकने की जरूरत नहीं है। कुछ पौधे बिना छंटाई के फल देने लगेंगे। फलों को तोड़ा जा सकता है, बीज निकाल कर राख में सुखाकर उपयोग में लाया जा सकता है।

मंतकली जलोढ़ मिट्टी को छोड़कर सभी प्रकार की मिट्टी में उगती है। दोमट और रेतीली दोमट मिट्टी में सबसे अच्छा बढ़ता है। खेती की कोई अलग डिग्री नहीं होती। साल भर खेती की जा सकती है। भूमि की जुताई करके धूल को साफ करना चाहिए और 8 फुट गुणा 8 फुट की दूरी पर क्यारियां बनानी चाहिए। बीज को क्यारियों में व्यापक रूप से छिड़ककर सिंचाई करनी चाहिए। 80 सेंट भूमि के लिए अधिकतम 3 किलो बीज की आवश्यकता होती है। अंकुरण 7 दिनों के भीतर दिखाई देता है। पौधों को बिना मुरझाए नियमित रूप से सिंचाई करनी चाहिए। 15वें दिन आवश्यकतानुसार एक निराई-गुड़ाई कर लें। कीट और रोग के हमले ज्यादातर अनुपस्थित हैं। दैनिक कटाई 30वें दिन से की जा सकती है। पौधे को बिना उखाड़े जमीन से चार अंगुल चौड़ा काटना चाहिए। 80 सेंट भूमि से औसतन 200 मन प्राप्त होता है। महीने में एक बार ग्रोथ बूस्टर दें।

ड्रिप सिंचाई से किसानों को क्यारियां बनाने की जरूरत नहीं है। जुताई के बाद कतारों के बीच 2 फुट x 2 फुट की दूरी पर ड्रिप पाइप लगा देना चाहिए। पाइपों में पार्श्व (पाइप) को 2 फीट के अन्तराल पर व्यवस्थित करना चाहिए जिससे पानी टपकता रहे। रोपण से पहले, मिट्टी के नम क्षेत्रों में बीजों को पानी दें और छिड़कें।

जो लोग ‘प्राकृतिक’ खेती करते हैं वे हर 10 दिन में एक बार सिंचाई के पानी में अमुदगरीसाल मिला सकते हैं। 15 दिनों में एक बार हर्बल कीटनाशक का छिड़काव करें भले ही कीट या बीमारी का हमला न हो। महीने में एक बार 80 किलो समुद्री शैवाल प्रति एकड़ सिंचाई के पानी में मिलाना चाहिए। बस यह करो। किसी अन्य रखरखाव की आवश्यकता नहीं है।

100 ग्राम मंतकली पालक में पाए जाने वाले पोषक तत्व !

पानी की मात्रा – 82.1 ग्राम

प्रोटीन – 5.9 ग्राम

वसा – 1.0 ग्राम

खनिज लवण – 2.1 ग्राम

चीनी सामग्री – 8.9 ग्राम

कैल्शियम – 410 मिलीग्राम

फास्फोरस – 70 मिलीग्राम

आयरन – 20.5 मिलीग्राम

विटामिन सी – 11 मिलीग्राम

नियासिन – 0.9 मिलीग्राम

राइबोफ्लेविन – 0.59 मिलीग्राम

कैलोरी सामग्री – 68 कैलोरी

औषधीय लाभ

मंतकली का वानस्पतिक नाम सोलनम नाइग्रम है। इस सब्जी का रस निकालकर 30 मिलीलीटर दिन में तीन बार पीने से पेशाब खुलकर निकल जायेगा। संभावना है, शरीर की गर्मी आदि ठीक हो जाएगी।

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