नीम की सूखी मेवा – 5 किग्रा
पानी (अच्छी गुणवत्ता) – 100 लीटर
साबुन – 200 ग्राम
मलमल जैसा पतला कपड़ा – छानने के लिए
व्यंजन विधि
आवश्यक मात्रा में नीम के बीज (5 किग्रा) पीसकर चूर्ण बना लें।
रात को दस लीटर पानी में भिगो दें।
सुबह लकड़ी के चम्मच से तब तक अच्छी तरह मिलाएं जब तक कि घोल का रंग दूधिया सफेद न हो जाए।
घोल को पतले मलमल के कपड़े की दो परतों से छान लें ताकि इसकी मात्रा एक सौ लीटर हो जाए।
इसमें 1 प्रतिशत साबुन मिलाएं।
नीम का हमेशा ताजा बना घोल ही प्रयोग करें।
नीम के घोल का छिड़काव दोपहर 3.30 बजे के बाद करना बहुत प्रभावी होता है।
विकास संबंधी
बहुत आसान डेवलपर।
सड़े हुए या सड़े हुए फल (केला, पपीता, सीता फल, बरंगे) दुकान से खरीदें, उन्हें अच्छी तरह मैश कर लें, आधा किलो प्रति 1 किलो की दर से गुड़ (गुड़) डालें, अच्छी तरह मिलाएँ और प्लास्टिक के ड्रम में ढक दें / प्लास्टिक की बाल्टी को 15 दिनों के लिए अच्छी तरह से फरमेंट होने दें। बीच-बीच में सुबह और शाम को अच्छी तरह से हिलाना चाहिए।
15वें दिन यदि आप अम्ल के घोल को छान लें और 1 लीटर में 10 लीटर पानी मिलाकर छिड़काव करें तो आपको अच्छी वृद्धि दिखाई देगी। इससे फसलों को पर्ण पोषण मिलेगा।
धन्यवाद
एन। मधुबलन, बीएससी (एग्री),
जैविक खेती सलाहकार,
धर्मपुरी।
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