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वेन्दा में कीट आक्रमण का समाधान!

10 दिन में एक बार पंचकव्य !

बीज बोने के 15वें दिन से 10 दिन में एक बार 300 मिली पंचकव्य को 10 लीटर पानी में मिलाकर हाथ से छिड़काव करना चाहिए। 20वें दिन के बाद 10 दिन में एक बार 6 लीटर पंचगव्य को 200 लीटर पानी में मिलाकर ड्रिप द्वारा पिलाना चाहिए। पंचकव्य पौधों की वृद्धि के लिए एक उत्कृष्ट फसल उत्तेजक के रूप में कार्य करता है। किसी अन्य प्लगइन्स की आवश्यकता नहीं है।

मिलीबग के लिए अदरक-लहसुन का घोल

छोले में मिलीबग के हमले की आशंका रहती है। इससे बचने के लिए रोपण के 25वें दिन से सप्ताह में एक बार कीट विकर्षक का छिड़काव करना चाहिए।

एक-एक अदरक, लहसुन और मिर्च को पीसकर एक कटोरी में पीसकर सफेद कपड़े में बांधकर 5 लीटर गोमूत्र में भिगो दें। 5 दिन भिगोने के बाद घोल को छानकर तैयार किया जाता है और अदरक-लहसुन का घोल तैयार है। इसे मिलाकर 150 मिली प्रति 10 लीटर पानी की दर से प्रयोग करना चाहिए। 2 लीटर पानी में 100 ग्राम खादी साबुन मिलाएं। इसमें 200 ग्राम सेंधा नमक डालकर मिलाएं और 4 घंटे के लिए भिगो दें। इस घोल को 50 मिली प्रति 10 लीटर पानी की दर से मिलाना चाहिए।

इन दोनों घोलों को सप्ताह में एक बार हाथ से छिड़काव करने से कीट नहीं मरेंगे। इसके अलावा सोलर लाइट ट्रैप लगाने से सभी प्रकार के हानिकारक कीड़ों को नियंत्रित किया जा सकता है।

इसके अलावा अगर आप खेत में केला, सेदुमल्ली और कारामनी के पौधे लगाते हैं, तो फसल पर हमला करने वाले मीली बग, एफिड्स, व्हाइटफ्लाई और लीफ बोरर भविष्य में फसल पर बैठेंगे। यह मुख्य फसल चुकंदर को कीटों से बचाएगा।

धन्यवाद

हरा ऋण

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